राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश /अध्यक्ष श्री अजय श्रीवास्तव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर के मार्गदर्शन में 14 दिसम्बर-2024 (शनिवार) को जिला न्यायालय, इन्दौर, श्रम न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालय, उपभोक्ता फोरम, म.प्र. भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण एवं तहसील स्तर पर तहसील न्यायालय, डॉ. अम्बेडकर नगर, देपालपुर, सांवेर व हातौद में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। आयोजित नेशनल लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरण राजीनामे हेतु रखे गये हैं, जिनके अंतर्गत राजीनामा योग्य आपराधिक 2637, सिविल 951, मोटर दुर्घटना क्लेम 2731. विद्युत 2203, चेक बाउंस 9606, भू-अर्जन 33, वैवाहिक 544, भरण-पोषण 242, आपराधिक अपील 17, सिविल अपील 236, बजावरी 522 अन्य 1593. प्रकरणों के साथ ही बैंक रिकवरी 56266, विद्युत 2073 व अन्य 23435 से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरण राजीनामे के आधार पर निराकरण हेतु रखे जा रहे हैं। उक्त नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के निराकरण हेतु सम्पूर्ण जिले कुल 82 खंडपीठ का गठन किया गया है। राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए 14 दिसम्बर, 2024 (शनिवार) को होने वाली नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों में समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को नियम एवं शर्तों के अधीन प्रीलिटिगेशन एवं लीटिगेशन स्तर पर छूट दी जाएगी।
प्री-लिटिगेशन स्तर पर कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
लिटिगेशन स्तर पर कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उक्त छूट नियम एवं शर्तों के तहत दी जायेगी। आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता की विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/ संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरुद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जायेगी। विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता/ उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जायेगी। लोक अदालत में उपरोक्तानुसार दी जा रही छूट आंकलित सिविल दायित्व राशि रू. 50,000/- (पचास हजार मात्र) तक के प्रकरणों के लिये सीमित रहेगी।
जिला विधिक सहायता अधिकारी मिथिलेश डेहरिया ने नेशनल लोक अदालत में समस्त पक्षकारों से अपने-अपने प्रकरणों का आपसी सहमति एवं सुलह के आधार पर निराकरण कराये जाने हेतु आग्रह किया है। जिला न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आसिफ अहमद अब्बासी ने पक्षकारों से अपील की है कि वे अपने मामले अधिक से अधिक संख्या में नेशनल लोक अदालत के समक्ष प्रस्तुत करवाकर प्रावधानित छूट का लाभ प्राप्त करें।