तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है, साथ ही जिला अस्पताल से लेकर उपस्वास्थ्य केंद्र तक कि संस्थाओं को लू के प्रकरणों के उपचार के लिए अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। लू के प्रारंभिक प्रबंधन के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओआरएस कॉर्नर बनाए गए हैं। उल्टी, दस्त, बुखार के प्रबंधन और उपचार के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं स्वास्थ्य केंद्रों में सुनिश्चित की गई हैं।
लू लगने के लक्षण
🤒 लू होने पर शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे हो सकती है या एकाएक भी आ सकती है।
😧 जटिल अवस्था होने पर किडनी काम करना बंद कर सकती है।
😮💨 तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना,
🤮 चार या उससे अधिक उल्टी आना
🥱 कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना
😓 शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना
😰 सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना
🤤 अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना
😶 भूख कम या न लगना
🥴 बेहोश होना
इन लक्षणों की पहचान जल्द से जल्द की जानी जरूरी है, जिससे शीघ्र उपचार शुरू किया जा सके। ध्यान रहे, लू लगने पर अगर तुरंत उपचार न किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।