चुनाव के कारण थमे भिक्षावृत्ति रोको अभियान को एक बार फिर गति मिलेगी। इस बार भिक्षुकों के साथ-साथ भीख देने वालों पर भी प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी। सार्वजनिक चौराहों और मंदिरों के आस-पास जहां भिक्षावृत्ति रोको अभियान के बैनर-पोस्टर लगाए जाएंगे, वहीं बच्चों को भीख देने वालों पर कार्रवाई के लिए कैम्पेन चलेगा। चुनाव के पहले लगभग 500 से अधिक भिक्षुकों को पुनर्वास देने और बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाने के लिए चलाई गई प्रशासन की मुहिम को और सफल बनाने के लिए अब प्रशासन ने भीख देने वालों पर भी कार्रवाई करने की योजना तैयार कर ली है।
इसके लिए शुरुआती दौर में पहले मुहिम छेड़कर व्यस्ततम चौराहों, मंदिरों, सार्वजनिक स्थानों, पार्क, होटलों के बाहर पोस्टर लगाए जाएंगे, जिन पर नियम और कानून की जानकारी आम जनता के लिए चस्पा की जाएगी। कलेक्टर ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि भिक्षावृत्ति करने के साथ-साथ भीख देकर प्रोत्साहन देना भी कानूनन जुर्म है। आमतौर पर देखा गया है कि शहर के मुख्य चौराहों, ट्रैफिक सिग्नलों, मंदिरों के बाहर बच्चे पेन, गुब्बारे, खिलौने, कार में उपयोग किए जाने वाली वस्तुएं, मोबाइल स्टैंड, ईयरबर्ड जैसे सामान बेचने के नाम पर भिक्षावृत्ति करते हैं और इस तरह की खरीद-फरोख्त करके आम जनता भी इस भिक्षावृत्ति को बढ़ावा दे रही है। इसलिए बच्चों को भीख देने वालों को भी अब इस कैम्पेन में सजा की जद में लाया जा रहा है।