इंदौर में लापता होने वाली बालिकाओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है, और इनमें से अधिकांश मामलों में बालिकाएं अपने दोस्तों के साथ भाग जाती हैं।
इसी तरह का एक मामला लसूड़िया बस्ती में सामने आया, जहां बस्ती फाउंडेशन की शिक्षिका ने अपनी सूझबूझ और बच्चों की मदद से एक लापता बालिका को वापस बुला लिया। घटना के अनुसार, लसूड़िया क्षेत्र में स्थित बस्ती फाउंडेशन के शिक्षा केंद्र में पढ़ाई करने वाली 13 वर्षीय बालिका अपने माता-पिता से कहकर घर से निकली थी कि वह केंद्र जा रही है, लेकिन वह वहां नहीं पहुंची। जब परिवार वालों ने उसे तलाश किया, तो पता चला कि बालिका बस्ती के एक लड़के के साथ भाग गई थी। बालिका के माता-पिता ने फाउंडेशन की शिक्षिका से अनुरोध किया कि वह किसी भी हाल में उनकी बेटी को वापस बुलवाए। शिक्षिका ने बच्चों से पूछताछ की और पाया कि बालिका अक्सर उसी लड़के के साथ दिखाई देती थी। शिक्षिका ने लड़के के घर जाने का फैसला किया, लेकिन वहां पर कोई जानकारी नहीं मिली और लड़के के परिजनों ने शिक्षिका से बातचीत करने से मना कर दिया। इस पर शिक्षिका ने कानूनी रास्ता अपनाने की चेतावनी दी और कहा कि अगर लड़के के परिवार ने सहयोग नहीं किया, तो पुलिस में शिकायत दर्ज की जाएगी। इसके बाद लड़के के परिजनों ने बताया कि लड़का और बालिका इंदौर से बाहर जा चुके थे। शिक्षिका और बालिका के माता-पिता के दबाव में लड़का और बालिका आखिरकार घर लौट आए। इस तरह से बस्ती के बच्चों और शिक्षिका के प्रयासों से बालिका का भविष्य खराब होने से बच गया। इस सफलता में पुलिस और बस्ती फाउंडेशन का भी अहम योगदान था। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त प्रियंका डुडवे ने बताया कि इंदौर की बस्तियों में सृजन और अन्य कई प्रोजेक्ट्स चलाए जा रहे हैं, जो बालिकाओं को सही मार्गदर्शन देने और उनके भविष्य को संवारने के लिए काम करते हैं। बस्ती फाउंडेशन के माध्यम से लसूड़िया क्षेत्र में कई ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनसे बालिकाओं को बेहतर जीवन के अवसर मिल रहे हैं। इस पूरे मामले में बस्ती के बच्चों और शिक्षिका के प्रयासों की सराहना की गई और उन्हें बधाई दी गई।