इंदौर जिले में समस्त शासकीय/अशासकीय कार्यालयों, संस्थाओं, संगठनों, उत्पादन, विक्रय वितरण सेवा केन्द्र/मनोरंजन, शिक्षण प्रशिक्षण संस्थाओं, नर्सिंग होम, अस्पताल आदि में जहां 10 या 10 से अधिक अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हो, उन कार्यस्थलों पर आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जायेगा।
यह समिति महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रत्तितोषण) अधिनियम 2013 के नियम 04 के अंतर्गत गठित की जायेगी। आंतरिक परिवाद समिति गठित नहीं होने पर 50 हजार रूपये के जुर्माने का प्रावधान है।जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन ने बताया कि समस्त शासकीय/अशासकीय अस्पतालों/नर्सिंग होम में भी आंतरिक परिवाद समिति का गठन करने के निर्देश दिये गये हैं। आंतरिक परिवाद समिति में एक पीठासन अधिकारी (वरिष्ठ स्तर की महिला), कम से कम 2 ऐसे सदस्य जो महिलाओं की समस्याओं के लिए प्रतिबद्ध हैं या समाज सुधार कार्य का अनुभव या विधिक ज्ञान रखते हैं सहित एक अशासकीय सदस्य जो गैर सरकारी संगठनों का हो और महिलाओं की समस्याओं के प्रतिबद्ध तथा लैंगिक उत्पीड़न संबंधी मुद्दों से परिचित हो, को शामिल करना होगा। समिति में कम से कम आधे सदस्य महिलाएं होनी चाहिए। इसी तरह विकास खण्ड स्तर पर संचालित कार्यालय/संस्थाओं में भी आंतरिक परिवाद समिति के गठन के निर्देश दिये गये हैं। समिति की जानकारी कार्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगी। समिति गठन की जानकारी कलेक्टर कार्यालय तथा जिला पंचायत कार्यालय में देना होगी। समिति की बैठक नियमित करने के निर्देश भी दिये गये हैं।